और वो ही हमें रास्ता दिखाने वाला है
काबा-ए-ख़ाना दुनिया में सबसे मुकद्दस (पवित्र) जगह है जो ज़मीन में सबसे पहले बनाई गई ।
दुनिया की ज़मीन की नाभी दुनिया की धूरी काबा-ए-ख़ाना है । काबा-ए-ख़ाना की नींव हज़0 आदम अ0स0 ने रखी थी, और रिवायतों के अनुसार हज़0 आदम अ0स0 ने कई हज किये यानि जब से दुनिया वजूद में आई उस वक्त से काबा-ए-ख़ाना की ज़मीन को अल्लाह-रब्बुल-आल-अमीन ने मुकद्दस (पवित्र) क़रार दिया है ।
जब हज़0 इब्राहीम अ0स0 को काबा-ए-ख़ाना बनाने का अल्लाह ने हुक्म दिया तब काबा एक छोटे से टीले की शक्ल में था, तब हज़0 इब्राहीम अ0स0 ने अल्लाह से पूछा कि ये तो मुझे मालूम है कि काबा यहां बनाना है लेकिन इसकी लम्बाई और चौड़ाई क्या होगी तब अल्लाह ने बादल का साया कर दिया और फरमाया कि जहां जहां इस बादल का साया है वहां निशान लगा लो, जब हज़0 इब्राहीम अ0स0 ने निशानों पर खुदाई की तो उन्हें हज़0 आदम अ0स0 की बनाई हुई नींव मिली और उसी नींव पर काबा-ए-ख़ाना को हज़0 इब्राहीम अ0स0 ने बनाया ।
दुनिया की ज़मीन की नाभी दुनिया की धूरी काबा-ए-ख़ाना है । काबा-ए-ख़ाना की नींव हज़0 आदम अ0स0 ने रखी थी, और रिवायतों के अनुसार हज़0 आदम अ0स0 ने कई हज किये यानि जब से दुनिया वजूद में आई उस वक्त से काबा-ए-ख़ाना की ज़मीन को अल्लाह-रब्बुल-आल-अमीन ने मुकद्दस (पवित्र) क़रार दिया है ।
जब हज़0 इब्राहीम अ0स0 को काबा-ए-ख़ाना बनाने का अल्लाह ने हुक्म दिया तब काबा एक छोटे से टीले की शक्ल में था, तब हज़0 इब्राहीम अ0स0 ने अल्लाह से पूछा कि ये तो मुझे मालूम है कि काबा यहां बनाना है लेकिन इसकी लम्बाई और चौड़ाई क्या होगी तब अल्लाह ने बादल का साया कर दिया और फरमाया कि जहां जहां इस बादल का साया है वहां निशान लगा लो, जब हज़0 इब्राहीम अ0स0 ने निशानों पर खुदाई की तो उन्हें हज़0 आदम अ0स0 की बनाई हुई नींव मिली और उसी नींव पर काबा-ए-ख़ाना को हज़0 इब्राहीम अ0स0 ने बनाया ।
दुनिया की ज़मीन की नाभी दुनिया की धूरी काबा-ए-ख़ाना है आप सब मालुमात के लिये ये वीडियो देखें..!
By : Gazi & Shaifullah
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